तुम्हे महसूस कर रहा हूँ मैं
तुम्हे अहसास हो नहीं भी हो
तुम्हे अहसास हो नहीं भी हो
मुस्कुराते हुए आया करना
बात कुछ ख़ास हो नहीं भी हो
बात कुछ ख़ास हो नहीं भी हो
कोई ऐसी कहानी बुन लेना
जो किसी ने कभी सुनी ना हो
मुझसे बेशक ही झूठ बोलो मगर
लगे ऐसा की सच यही तो हो
भला है इंतजार ना करना
उसे घर का पता नहीं भी हो
आज़माने की बात नालाज़िम
इश्क़ हो बैर हो नहीं भी हो
किसी ‘जन्नत’ की सुखनवारी में
कोई शायर भी हो नहीं भी हो
- नवीन कुमार ‘जन्नत’