कहीं से सितारों सजाने तो उतरो
मेरी ख्वाहिशें आज दुल्हन बनेंगी
मेरा दिल मुकम्मल नहीं घर लगा
किसी और का घर तो रोशन करेंगी
मेरे आंसुओं पे भरोसा नहीं है
किसी और चेहरे पे बेशक लूटेंगी
कि ‘जन्नत’ नज़र अब वो दिन आ गया
मेरी यादें मुझको दफन जब करेंगी