एक लम्बे इंतज़ार
एक सदी की तड़प
एक छुअन ने बिखेर दी
एक लब पर
एक लम्हें में
एक हजार बार, जैसे
एक दिल धड़क गया हो
एक मन सुलग गया हो
एक तन पिघल गया हो
एक आह !
एक बार के
एक अहसास की
एक याद
एक रात की
एक मुकम्मल हुयी
एक अधूरी पड़ी
एक, बस
एक तरफा प्यार की !
by Naveen Kumar Jannat